अगर है इजाजत तो, तुम पर लिखा एक प्रेम गीत तुम्हें सुनाऊँ क्या? अगर है इजाजत तो, तुम पर लिखा एक प्रेम गीत तुम्हें सुनाऊँ क्या?
मम्मी के आगे, दिया और जिन्न, भी बेकाम, बस मम्मी ही आए, घर, और हमारे काम। मम्मी के आगे, दिया और जिन्न, भी बेकाम, बस मम्मी ही आए, घर, और हमार...
हमें भी कभी तुम याद करो दो पल ठहर कर कुछ प्यारी बातें करो। हमें भी कभी तुम याद करो दो पल ठहर कर कुछ प्यारी बातें करो।
अब बस यही आलम है, यह पिकनिक नहीं पलायन है। अब बस यही आलम है, यह पिकनिक नहीं पलायन है।
हरगोविंद जाग अब, कर अब ही तू जो नहीं कर पाया.....! हरगोविंद जाग अब, कर अब ही तू जो नहीं कर पाया.....!
इस कविता में मैंने "प्रेम" को कुछ पंक्तियों द्वारा दर्शाया है | इस कविता में मैंने "प्रेम" को कुछ पंक्तियों द्वारा दर्शाया है |